पूसा कृषि संगठन समर्थ 2024-25 कार्यशाला: भारतीय कृषि स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण
20 Nov, 2024
पूसा कृषि, जेडटीएम-बीपीडी, आईसीएआर-आईएआरआई ने 6 और 7 नवंबर, 2024 को नई दिल्ली के एनएएससी कॉम्प्लेक्स में समर्थ 2024-25 कार्यशाला: भारतीय कृषि स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण का आयोजन किया।
लखनऊ में ‘कृषि भारत’ का आयोजन, प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए तकनीक को अपनाएं किसान: सीएम योगी
20 Nov, 2024
कृषि भारत में उत्तर प्रदेश समेत आठ राज्यों के करीब एक लाख किसानों ने हिस्सा लिया। वहीं, पार्टनर कंट्री के रूप में नीदरलैंड को शामिल किया गया है। इस मेले में फसल क्रांति की टीम ने भी हिस्सा।
फसल क्रांति के एक दिवसीय तृतीय किसान मेले का आयोजन, हजारों की संख्या में पहुंचे किसान
12 Nov, 2024
Fasal Kranti Kisan Mela2024:फसल क्रांति फाउंडेशन के सौजन्य से फसल क्रांति ने तृतीय एक दिवसीय किसान मेले का आयोजन जनता वैदिक कॉलेज बागपत, बड़ौत में किया गया। मेले में हजारों की संख्या में किसान पहुंचे।
मोजेक कंपनी फाउंडेशन ने आयोजित किया अवार्ड शो, युवा कृषि वैज्ञानिकों को किया सम्मानित
25 Oct, 2024
इस वर्ष यह पुरस्कार चार विजेताओं को दिए गए। डॉ. गोपाल रामदास महाजन और डॉ. जयंत लेयेक को (संयुक्त) रूप से युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से नवाजा गया.
द्वितीय ब्रांड आर.कॉम 2024 का आगाज, 6 दिसंबर को दिल्ली में होगा आयोजित
18 Oct, 2024
Agriculture Event Update: ब्रांड आर.कॉम, कृषि और ग्रामीण संचार शिखर सम्मेलन 2024 होटल प्राइड प्लाजा, एरोसिटी, नई दिल्ली में 6 दिसंबर, 2024 को होने वाला है।
क्विक हील ने भारत का पहला फ्रॉड प्रिवेंशन सॉल्यूशन एंटीफ्रॉड.एआई लॉन्च किया
11 Oct, 2024
क्विक हील में, हम अपने सभी यूजर्स को उनकी तकनीकी जानकारी से परे, धोखाधड़ी से बचाने के लिए समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारत में मौसमी घटनाओं में लगभग 1,500 लोगों की मौत; बाढ़ और बारिश से 800 से अधिक मौतें
02 Oct, 2024
आई। मध्य भारत में जहां औसत से 19% अधिक बारिश हुई, वहीं पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 14% की कमी देखी गई। कुल मिलाकर, भारत में 934.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो लंबी अवधि के औसत का 107.6% है, जो 2020 के
किसानों के स्थायी विकास के लिए एक जरुरी ठोस नीति पर संवाद - भागीरथ चौधरी
27 Sep, 2024
कार्यक्रम के समापन सत्र में, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सह-सारकार्यवाह, डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि कृषि उत्पाद की कीमतों को मुद्रास्फीति से अलग कर किसानों के लिए उन्हें लाभकारी बनाना जरूरी है।